आइये हमलोग Court of The Volleyball & वॉलीबॉल खेल के नियम के बारे में समझते हैं।
वॉलीबॉल खेल के नियम (Rules for Volleyball)
* परिचय- वॉलीबॉल एक बड़ा ही लोकप्रिय, मनोरंजक तथा कम खर्चीला खेल है। यह हाथ से खेला जाता है और इससे सारे अंगों का व्यायाम हो जाता है। बच्चे, युवक, युवतियाँ आदि सभी इस खेल को आसानी से खेल सकते हैं। इस खेल में तेज गति तथा फुर्ती का होना आवश्यक है।
* खेल का मैदान (Court of The Volleyball)– वॉलीबॉल का मैदान समतल और आयताकार होता है। इसकी लंबाई 18 m और चौड़ाई 9 m होती है। इसके बीचोंबीच दोनों किनारों पर एक-एक खंभा रहता है जिसपर जाल टाँगा जाता है। मैदान के दोनों अंतिम छोर पर दाहिनी ओर 3 m x 3 m का सर्विस क्षेत्र होता है जहाँ से सर्विस की जाती है।
खेल का मैदान (Court of The Volleyball)
* जाल- जाल 9.50 m लंबा और 1 m चौड़ा होता है। यह मजबूत रस्सी का बुना हुआ होता है। इसके किनारों पर मजबूत कपड़े की पट्टी लगी रहती है। लंबाई में दोनों किनारों पर तार लगा रहता है जिसके द्वारा वह खंभों से बँधा रहता है। जाल के ऊपरी भाग की ऊँचाई जमीन से 2.43 m रहती है। महिला खिलाड़ियों के लिए जमीन से जाल की ऊँचाई 2.24 m होती है।
* बॉल- वॉलीबॉल की गेंद फुटबॉल की गेंद की तरह होती है, पर यह मुलायम चमड़े की बनी होती है तथा कुछ हलकी होती है।
* खिलाड़ी- यह खेल दो टीमों में खेला जाता है। प्रत्येक टीम में 6 खिलाड़ी होते हैं। 3 खिलाड़ी अगली पंक्ति में जाल के निकट और 3 खिलाड़ी पीछे की पंक्ति में रहते है। इनके अलावा, प्रत्येक टीम में कुछ अतिरिक्त खिलाड़ी भी होते हैं। किसी टीम के किसी खिलाड़ी के घायल होने पर अतिरिक्त खिलाड़ी में कोई खिलाड़ी उसके बदले खेलता है।
* खेल की अवधि- इस खेल की कोई निश्चित अवधि नहीं होती। तीन या पाँच पालियों में खेले जाने पर मैच समाप्त हो जाता है। प्रत्येक गेम के बाद टीम साइड बदल लेती है।
* खेल का नियंत्रण- खेल के उचित रूप से संचालन के लिए एक रेफरी, एक अंपायर, एक स्कोरर और दो लाइन्समैन रहते हैं।
* खेल का आरंभ- खेल के आरंभ होने के पूर्व टॉस द्वारा यह निर्णय किया जाता है कि कौन पहले सर्विस करेगा या कोर्ट चुनेगा।
* खेल की प्रगति- टॉस हो जाने पर प्रत्येक टीम के खिलाड़ी अपने-अपने प्रांगण (कोट) में नियमानुसार अपना-अपना स्थान ले लेते हैं। खेल का आरंभ सर्विस से होता है। सर्विस करनेवाला खिलाड़ी बॉल को हाथ से ठोकर मारकर विपक्षी खिलाड़ी के मैदान में फेंकता है। यह ध्यान रखना पड़ता है कि बॉल जाल के ऊपर से ही जाए। विपक्षी दल के खिलाड़ी बॉल को वापस लौटाते हैं।
बॉल को कम-से-कम तीन संपर्कों में वापस लौटा देना होता है। वापस भेजते हुए वॉल को पकड़ना, खेल के समय खिलाड़ी को जाल छूना तथा दूसरे क्षेत्र में खिलाड़ी को जाना मना रहता है। एक ही खिलाड़ी तब तक सर्विस करता है जब तक उसकी टीम कोई गलती नहीं करती या उसके पक्ष को अंक प्राप्त नहीं हो जाता। जो टीम सर्विस करती है वही अंक प्राप्त करती है।
* हार- जीत का निर्णय- इस खेल में प्रत्येक सेट/पाली पंद्रह अंकों का होता है। जो टीम पहले 15 अंक बना लेती है वह सेट जीत लेती है।
आशा करता हूँ दोस्तों आपको बास्केटबॉल खेल के नियम Court of The Volleyball & वॉलीबॉल खेल के नियम की पूरी जानकारी पसंद आई होगी। इसे देखने के लिए आपको बहुत–बहुत धन्यवाद।
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