आइये हमलोग Rules for Cricket in Hindi : क्रिकेट खेल के नियम के बारे में समझते हैं।
क्रिकेट खेल के नियम (Rules for Cricket)
* परिचय – सामूहिक खेलों में आज क्रिकेट अत्यधिक लोकप्रिय हो गया है। दुनिया के किसी भी देश में जब क्रिकेट का मैच होता है तब हमलोग अपने यहाँ दूरदर्शन (T.V.) पर उसे देखते हैं। जहाँ दूरदर्शन की सुविधा नहीं है वहाँ लोग ट्रांजिस्टर/रेडियो पर खेल का आँखों देखा हाल सुनते हैं। परंतु आजकल इस डिजिटल दुनियाँ में लोग अपने एनरॉयड मोबाइल पर इंटरनेट के जरिये कहीं भी और कभी भी क्रिकेट मैचों का आनंद ले लेता है। मैच के दिन घर से बाहर तक क्रिकेटप्रेमी खेल की जानकारी के लिए व्याकुल रहते हैं। क्रिकेट काफी खर्चीला खेल है।
* खेल का मैदान – क्रिकेट का मैदान लंबा-चौड़ा, समतल तथा अंडाकार होता है।
सामान्यतः खेल के मैदान के बीच में एक पिच होता है जिसकी लंबाई 20 m तथा चौड़ाई 3.66 m होती है। पिच के मध्य से चारों ओर 68.58m की त्रिज्या का गोलाकार मैदान रहता है।
* पिच – मुख्य रूप से पिच ही क्रिकेट के नियम के अनुसार खेल का असली मैदान होता है। इसकी लंबाई 20.12 m तथा चौड़ाई 3.66 m होती है। इसके दोनों छोरों पर तीन-तीन विकेट होते हैं।
* बॉल – क्रिकेट के बॉल का वजन 155 g से 165 g तक होता है। इसकी परिधि 22.3 से 22.5cm तक होती है।
* विकेट – पिच पर विकेट एक-दूसरे के समानांतर 20.12 m की दूरी पर होते हैं।
इनकी संख्या तीन होती है। इनके ऊपर दो गिल्लियाँ रखी होती हैं। विकेट इस प्रकार खड़े किए जाते हैं कि उनके बीच से गेंद पार नहीं कर सके। बॉल फेंकने का मार्ग विकेट की लाइन में 2.64 m चौड़ी पट्टी होती है।
* बैट (बल्ला) – क्रिकेट खेलने का बैट एक विशेष किस्म की लकड़ी का बना रहता है। इसकी लंबाई अधिकतम 96.5 cm और चौड़ाई 10.8 cm होती है। इसका वजन 2.5 पौंड होता है। बल्लेबाजी का मार्ग बॉल फेंकने के मार्ग के सामने और समानांतर 1.22 m होता है और विकेट के दोनों ओर कम-से-कम 1.83m आगे बढ़ा होता है।
* खेल की पोशाक – क्रिकेट खिलाड़ियों की पोशाक अलग ढंग की होती है। ये सफेद फुल-पैंट और सफेद शर्ट/टी-शर्ट पहनते हैं। इनके सिर पर विशेष प्रकार की बनी सफेद टोपी रहती है। पाँव में सफेद जूते व सफेद मोजे रहते हैं।
* खिलाड़ियों की संख्या – क्रिकेट का मैच दो दलों के बीच खेला जाता है। प्रत्येक
दल में एक कप्तान, उपकप्तान व विकेटकीपर समेत कुल 11 खिलाड़ी रहते हैं। इसके अलावा, प्रत्येक दल में 1 अतिरिक्त खिलाड़ी भी होते हैं। आवश्यकता पड़ने पर किसी खिलाड़ी के स्थान पर इन्हें मैच में खेलने दिया जाता है।
* खेल की अवधि – क्रिकेट के खेल की अवधि बहुत लंबी होती है। रोजाना 5 से 6 घंटे तक खेल होता है। इसके बीच चाय के लिए और लंच के लिए अवकाश भी मिलता है। यह खेल एक-दिवसीय, तीन-दिवसीय या पाँच-दिवसीय हो सकता है। विशेष परिस्थिति को छोड़कर तीन या पाँच-दिवसीय मैचों में प्रत्येक दल को दो-दो पारियाँ (पालियाँ) खेलनी पड़ती हैं।
* खेल का आरंभ व प्रगति – खेल का आरंभ टॉस के बाद ही होता है। जिस दल का कप्तान टॉस जीतता है वह पहले बल्लेबाजी या क्षेत्ररक्षण का चुनाव करता है।
खेल शुरू होते ही दोनों अंपायर और क्षेत्ररक्षण करनेवाली टीम के सदस्य मैदान में आ जाते हैं। उसके बाद बल्लेबाज दल के दो सलामी बल्लेबाज बैट लेकर क्रीज पर आ जाते हैं और विकेट के दोनों छोरों पर सावधानी से खड़े हो जाते हैं। दूसरे दल के सभी खिलाड़ी मैदान में कप्तान व गेंदबाज द्वारा निर्धारित स्थानों पर सतर्क खड़े रहते हैं। विकेट के पीछे एक विकेटकीपर सतर्कता से खड़ा हो जाता है।
अब विपक्षी दल का गेंदबाज गेंद फेंकना शुरू करता है जिसका सामना बल्लेबाज बैट से करता है। जब कोई बल्लेबाज ‘आउट’ हो जाता है तो उसके बदले में दल का दूसरा बल्लेबाज आता है। इस प्रकार, क्रम से बल्लेबाज आते रहते हैं, जब तक टीम के दसों खिलाड़ी आउट नहीं हो जाते। दसों बल्लेबाजों के आउट हो जाने पर पारी समाप्त हो जाती है। पर, एक-दिवसीय मैचों में निर्धारित ओवरों के समाप्त हो जाने पर पारी समाप्त हो जाती है, भले ही सभी खिलाड़ी आउट नहीं हुए हों।
* खेल का पुनः आरंभ – पारी समाप्त हो जाने पर दूसरा दल बल्लेबाजी और पहला दल क्षेत्ररक्षण का काम करता है। खेल तब तक चलता रहता है, जब तक दसों खिलाड़ी आउट नहीं हो जाते ।
* खेल का नियंत्रण – खेल के नियंत्रण के लिए दो अंपायर रहते हैं जिनमें एक गेंदबाज की तरफ विकेट के पास और दूसरा मैदान में रहता है। आजकल प्रयोग के तौर पर तीसरे अंपायर (कंप्यूटर) का इस्तेमाल होने लगा है। अंपायर के अलावा गणक भी होते हैं, जो ओवरों और रनों की संख्या नोट करते हैं। अंपायर प्रत्येक प्रकार के गेंद के लिए विशिष्ट संकेत देता है।
* स्कोर (अंक-प्राप्ति) – क्रिकेट में रन तब बनता है जब कोई बल्लेबाज हिट लगाने के बाद एक छोर से दूसरे छोर (बैटिंग क्रीज) पर पहुँचता है। लेकिन, यदि दोनों बल्लेबाजों में कोई भी छोर तक पहुँचे बिना रन पूरा करता है तो यह रन नहीं माना जाता है।
* खेल में हार-जीत – टेस्ट मैच में दोनों पारियों के खेल में जिस दल को अधिक रन प्राप्त होता है वह विजयी होता है। एक दिन के मैच में एक पारी की रन-संख्या पर ही हार-जीत का फैसला होता है।
* बल्लेबाज का आउट होना – बल्लेबाजों के आउट होने के कई तरीके हैं, जिनमें निम्नलिखित तरीके प्रमुख हैं। Rules for Cricket : क्रिकेट खेल के नियम
(क) बोल्ड आउट – यदि गेंदबाज द्वारा फेंका गया गेंद बल्लेबाज की ओर के विकेट के डंडे या गिल्लियों को गिरा दे तो बल्लेबाज बोल्ड आउट हो जाता है।
(ख) कैच आउट – यदि बल्लेबाज द्वारा हिट किए गए गेंद को कोई भी क्षेत्ररक्षक, जिसमें विकेटकीपर और गेंदबाज भी सम्मिलित हैं, पकड़ लेता है तो बल्लेबाज कैच आउट हो जाता है। इसके लिए गेंद को पकड़ने की एक शर्त है कि हिट किए गए गेंद को जमीन के संपर्क में आने के पहले ही पकड़ लिया जाए।
(ग) स्टंप्ड आउट – खेल के दरम्यान यदि कोई बल्लेवाज गेंद को मारने के लिए या अन्य किसी कारण से अपने क्रीज से बाहर निकल आए और इसी बीच विकेटकीपर के पास गेंद पहुँच जाए और वह इसे विकेट से छुआ दे या गेंद को फेककर विकेट के खंभे या गिल्लियों को गिरा दे तो बल्लेबाज Rules for Cricket के अनुसार स्टंप्ड आउट हो जाता है।
(घ) हिट-विकेट आउट – यदि गेंद को मारते समय बल्लेबाज का बल्ला या उसके
शरीर का कोई अंग विकेट से छू जाता है तो बल्लेबाज हिट-विकेट आउट हो जाता है।
(ङ) रन आउट – हिट करने के उपरांत जब कोई बल्लेबाज रन बनाने के लिए एक विकेट से दूसरे विकेट तक दौड़ता है और उसी बीच यदि कोई क्षेत्ररक्षक गेंद को पकड़कर विकेट को छू लेता है तो वह रन आउट हो जाता है, बशर्ते उस समय तक रन बनानेवाला बल्लेबाज अपने क्रीज तक नहीं पहुच जाए। यदि गेंद को विकेट
से छुआने के पहले वह पहुँच जाता है तो वह रन आउट नहीं समझा जाएगा।
आशा करता हूँ दोस्तों आपको Rules for Cricket in Hindi : क्रिकेट खेल के नियम की पूरी जानकारी पसंद आई होगी। इसे देखने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।
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