आइये हमलोग Rules for Kabaddi in Hindi : कबड्डी खेल के नियम के बारे में समझते हैं।
कबड्डी खेल के नियम (Rules for Kabaddi)
* परिचय- कबड्डी भारतीय मूल का एक प्राचीन और लोकप्रिय खेल है। इस खेल के लिए न तो विशेष साज-सामान की जरूरत पड़ती है और न ही बड़े मैदान की। यह छोटे-से मैदान में भी खेला जा सकता है। यह देश के प्रायः सभी भागों में लोकप्रिय है।
यह खेल हममें विश्वास जगाता है और हमारा उत्साह बढ़ाता है। निर्भय होकर विरोधियों के बीच अकेले घुस जाना और उनके घर में ही उन्हें ललकारना इस खेल का मुख्य स्वरूप है। इस खेल से गति और चातुर्य में वृद्धि होती है।
श्री परांजपे ने सबसे पहले 1920 में सतारा में इस खेल का नियम बनाया। 1938 में कबड्डी की प्रथम अखिल भारतीय प्रतियोगिता हुई। 1944 में भारतीय ओलंपिक संघ ने इस खेल के नियमों को स्वीकृति दी। 1982 में नई दिल्ली में आयोजित नवम एशियाई खेल में कबड्डी को प्रदर्शनीय खेल के रूप में शामिल किया गया।
* खेल का मैदान- कबड्डी के खेल का मैदान समतल आयताकार होता है। वयस्कों के लिए मैदान की लंबाई 13m और चौड़ाई 10 m रखी गई है। महिलाओं एवं किशोरों के लिए मैदान की लंबाई 11 m तथा चौड़ाई 8 m होती है। मैदान के बीच में एक रेखा (मध्य रेखा) खींच दी जाती है। इस रेखा द्वारा खेल का मैदान दो भागों में बँट जाता है।
* खिलाड़ियों की संख्या- यह खेल दो दलों (टीमों) के बीच खेला जाता है। प्रत्येक दल में खिलाड़ियों की संख्या 12 रहती है। एक समय में 7 खिलाड़ी भाग लेते हैं, और शेष 5 खिलाड़ी सुरक्षित तौर पर रहते हैं। बाद में आवश्यकता पड़ने पर उनका उपयोग किया जाता है।
* खेल का आरंभ- खेल का आरंभ टॉस से होता है। टॉस जीतनेवाली टीम पहले अपनी पसंद का कोर्ट और प्रथम कबड्डी डालने का हकदार होती है। इस टीम की अग्रपंक्ति का एक खिलाड़ी कबड्डी-कबड्डी बोलता हुआ एक ही साँस में विपक्षी खिलाड़ी/खिलाड़ियों को छूकर वापस लौट आता है। आक्रामक खिलाड़ी द्वारा छूआ हुआ विपक्षी खिलाड़ी आउट हो जाता है।
* खेल की अवधि- मैच की अवधि वयस्कों के लिए 40 मिनट और महिलाओं तथा किशोरों के लिए 30 मिनट होती है। दोनों में ही 5 मिनट का विश्राम होता है।
* खिलाड़ियों की पोशाक- खिलाड़ी हाफ-पैंट और गंजी पहनकर यह खेल खेलते हैं। गंजी के आगे-पीछे नंबर लिखा रहता है। उन्हें मोजे और जूते भी पहनना पड़ता है।
* अंक प्राप्त करना- विपक्षी दल के प्रत्येक खिलाड़ी को आउट करने पर आक्रामक दल को एक अंक मिलता है। यदि दल के सभी खिलाड़ी आउट हो जाते हैं तो आक्रामक दल को ही अतिरिक्त अंक मिलते हैं। ऐसे अंक को ‘लोना’ कहते हैं।
* हार-जीत का फैसला– प्राप्त अंकों के आधार पर ही हार-जीत का फैसला होता है। पूरे खेल की अवधि में जो दल अधिक अंक प्राप्त करता है, वह विजयी होता है।
* खेल का नियंत्रण- इस खेल के नियंत्रण के लिए एक रेफरी, दो लाइंसमैन, दो अंपायर तथा एक स्कोरर होते हैं। रेफरी किसी भी खिलाड़ी को नियम का उल्लंघन करने पर उसे चेतावनी दे सकता है, उसके विरुद्ध अंक दे सकता है या मैच के लिए उसे अयोग्य घोषित कर सकता है।
* आक्रमण के नियम- आक्रामक खिलाड़ी एक ही साँस में जोर से ‘कबड्डी-कबड्डी’ बोलते हुए मध्य रेखा को पार करके विपक्षी दल के घर में पहुँचता है तथा विपक्षी खिलाड़ी को छूकर या विना छूए ही साँस तोड़े बिना अपने घर में लौट आता है। उसके लौटने के बाद विपक्षी दल का आक्रामक खिलाड़ी उसका पीछा करते हुए उसके घर में किसी तरह पहुँचता है और विपक्षी खिलाड़ी को छूकर या बगैर छुए बिना साँस तोड़े लौट आता है।
आशा करता हूँ दोस्तों आपको Rules for Kabaddi in Hindi : कबड्डी खेल के नियम की पूरी जानकारी पसंद आई होगी। इसे देखने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।
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